सनातन धर्म में पीर व फकीर सब हैं जी के जंजाल

क्या होता है पीर क्या हमारे किसी धर्म ग्रन्थ में इनका जिक्र आया है

सच तो यह है मुसलमानो के आने से पहले भारत की पवित्र भूमि पर एक भी पीर नही था ।
आज भी हमारा हिन्दू समाज अंधविश्वास के कारण मुस्लमानो की कब्रो पर मजारो पर दरगाहो पर जा रहा है
ये सब कैसे चला और क्यो चला
थौडा सा इतिहास मे जाना पडेगा
जब देश मुगलो का गुलाम था तो मुगल शासको की नजर मे जिस भी नयी हिन्दू युवक युव-ती की शादी होती थी तो वो वो जबरदस्ती उसकी पत्नी को उठाकर उसका सील भगं कर छौड देता
और मुगलो के काल मे एक नियम और था
जिस भी हिन्दू युवक की शादी होगी तो उसकी पत्नी पहली दो रात के लिये उस क्षेत्र के मुगल राजा के पास जायेगी और तब दो दिन बाद वापिस अपने पति के पास जाकर अपना घर बसायेगी
देश मुस्लमानो का गुलाम था सब लाचार थे जो ये मुगल कहते थे सबको करना पडता था जिस क्षेत्र मे हिन्दू मजबूत अवस्था मे था वहां पर इस प्रथा को रोक दिया गया
ये प्रथा आज भी ज्यो की त्यो हमारे बीच मे
जब भी हमारे क्षेत्र मे किसी हिन्दू युवक की शादी होती है तो आज भी पहले दिन उसकी पत्नी की दौख उन पीरो और खेतो मे बने सय्यदो पर मरवाकर लाते है
देश भले ही आजाद हो गया हो पर प्रथा आज भी हमारे बीच मे वैसी ही है
ये पीर सय्यद नौ गजा पीर आदि ये सब वो ही मुस्लमान थे जिनके पास शादी की पहली दो राते हिन्दू युवक की पत्नी को जाना पडता था
आज तो देश मुस्लमानो का गुलाम नही है
फिर भी हमारे हिन्दू शादी के अगले दिन ही अपनी बहूओ को खेतो मे बने या गांव मे बने उन पीरो सय्यईदो पर लेकर जाते है
ये है वो गुलामी के सस्कांर जिनको तुम अपनी आंखो से देख सकते हो
यकीन ना हो तो कभी घर के बडे दादा दादी से पुछकर दैख लेना की शादी के अगले दिन बहु की दौख खेतो मे या गांव मे बने पीर सय्यईद पर पर क्यो मरवाकर लाते है
तो उनके पास इसका कोई जवाब नही मिलेगा बस जो मुगल काल से चल रहा है 
उसको चला रहे है

ये पीर सय्यईद ही मुगल शासको को सुचनाऐ भेजते थे की आज फलाने के लडके की शादी है और ये मुस्लमान शासको के गुप्त ऐजेटं होते थे 
औरगंजेब ने अपने काल मे एक रुल और बनाया था
दो दिन मे जिस नयी शादी करने वाली हिन्दू लडकी को लेकर लाया जायेगा उसको दो राते उन पीर व सय्यईद जैसे मुस्लमानो के पास भी गुजारनी पडेगी
जब कोई इन पीरो सय्यईदो की बाते नही मानता था तो ये अपनी सेना को लेकर उस घर मे चले जाते थे जहां से नयी नयी शादी हुई बहु आयी हो तब ये पीर सय्यईद उस हिन्दू युवती को बीच सडक पर नगां करके बलत्कार करते थे
तब किसी को लाज शर्म आती थी तो उन पीरो के सैनिको को चादर दे देते थे और कहते थे कम से कम पर्दे मे तो ये काम करलो 
तब वो पीरो के सैनिक चारो तरफ चादर ढकते थे और चादर के अन्दर वो पीर सय्यईद हिन्दू बहन बेटीयो का बलत्कार करते थे तभी तो आज भी वो प्रथा ऐसी की ऐसी चल रही है आज भी हिन्दू शादी के अगले दिन अपनी बहुओ को इन्ही पीरो पर लेकर जाता है इन पीरो पर नीली चादरे चढाता है
यकीन ना आता हो तो अपना इतिहास उठाकर देखलो सोचते हुये भी रोना आयेगा कितने जुल्म किये थे इन पीर सय्यईद जैसे मुस्लमानो ने हमारे हिन्दूओ पर
ये अकल का दुशमन हिन्दू आज भी उन्ही बलत्कारी लुटेरो की कब्रो पर जाना नही छौडता
आज भी उन बलत्कारीयो को भगवान के समान मानकर उनकी पूजा कर रहा है 
पीर कुराण का शब्द है
जिसका अर्थ है जिदां मुस्लमान मीर साहब मर जाये तो पीर साहब
जिन मुस्लिम पीर सय्यईदो ने इतिहास मे गऊ माताओ का काटा मन्दिरो को तौडकर मस्जिदे बनायी हिन्दू बहन बेटीयो का बलत्कार किया और हिन्दू युवको का धर्म परिवर्तन करवाया छोटे छोटे बच्चो को भाले की नौकं पर उछालकर मार डाला
ये हिन्दू किस मुहं से उन बलत्कारीयो की पूजा कर रहा है
इन बेचारो को पता ही नही है
ये किन लोगो की कब्रो पर दरगाहो पर मजारो पर माथा टैक रहे है
❌ ये पीर सय्यईद ना तो तुम्हारी जाति के है ना तुम्हारे धर्म के है फिर भी किस मुहं से इनको पुज रहे हो
❌ इन पीर सय्यईदो की मजारो दरगाहो मे कब्रो मे इनकी लाशे तक सड चुकी है लाशे भी सडकर मिटटी बन चुकी है भला ये गली सडी हड्डीया किसका भला करेगी 
❌ अकसर बहुत से लोग कहते मिल जायेगे की उसने पीर पर सय्यईद पर मूत दिया या थूक दिया था तो उसको पीर ने मुनदा गाड दिया
भाई ये सब अफवाहे है 
❌ अकसर महिलाओ मे अनपढता की कारण पीरो पर हर वीरवार दौख मारने का रिवाज चला हुआ है
इन माताओ ताई चाचीयो दादीयो को समझाओ जीतना जल्दी हो सके 
सरकारी जमीनो पर जानबुझकर कब्जा करने के लिये मुस्लमानो द्वारा दस बीस ईटे रखकर ☪ उनपर नीली चादरे चढा देते है फिर इन्ही जमीनो पर मुस्लिम वक्फ बोर्ड का कब्जा हो जाता है
इन्ही पीरो से मस्जिदे खडी करते है मुस्लिम
यदि तुम्हारी रगो मे श्री राम कृष्ण का खून बचा हुआ तो इस मैसेज को इतना शेयर करदो की हर हिन्दू तक ये मैसेज पहुंच सके
और वो इन पीर सय्यईदो की मजारो पर जाना छोड दे
जय श्री राम

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