Saturday, July 26, 2025

राहुल गाँधी से भी बड़े पप्पू थे राजीव गाँधी

 भगवान का शुक्र है कि उस दौर में सोसल मीडिया नहीं था नहीं तो राहुल गांधी से भी बड़े पप्पू थे राजीव गांधी।



आज कुछ किस्से मै आपको बताने जा रहा हूं जिसे पढ़कर आप दंग रह जाएंगे कि राजीव गांधी जैसे लोग इतने बड़े देश के प्रधानमंत्री भी थे..?

उनके पास सिर्फ एक ही योग्यता थी कि वो फिरोज गांधी के बेटे थे... उफ्फ माफ करना... वो पंडित नेहरू के नाती (नवासे) थे। आज राजीव गांधी के बारे में ऐसी बातें जानेंगे कि जो आपको पहले से पता नहीं होगीं..

पढ़िए 👇

राजीव गांधी कोई पढ़ाई लिखाई में अच्छे नहीं थे 5 सितारा दून स्कूल से स्कूलिंग के बाद 1961 में उन्हें इंजियनीरिंग पढ़ने लन्दन के ट्रिनिटी कॉलेज कैब्रिज भेजा गया,

यहीं पर राजीव एक छोटे से रेस्ट्रॉन्ट में वेट्रेस के तौर पर काम कर रही एडवीज अंतोनियो अल्बिना माइनो जिसे आज हम सोनिया गांधी के नाम से जानते हैं के सम्पर्क में आये,1965 तक वो भोग विलास में डूबे रहे निरंतर फेल होते रहे और पास नहीं हो सके जिसके बाद कॉलेज ने राजीव को निकाल दिया,फिर राजीव ने 1966 में लन्दन स्थित इम्पीरियल कॉलेज में मैकेनिकल इंजीनियरिंग में दाखिला लिया, किन्तु वहां भी फेल हुए,



उसी वर्ष राजीव की मां इंदिरा प्रधानमंत्री बनी और राजीव भारत आ गए, 1966 में दिल्ली फ्लाइंग क्लब ज्वाइन किया और प्लेन उड़ाना सीखा... 

अब 1970 में प्रधानमंत्री इंदिरा ने जुगाड़ लगवा कर राजीव को सरकारी एयरलाइंस एयर इंडिया में कमर्शियल पायलट के तौर पर नौकरी में लगवा दिया,

1971 में भारत पाक युद्ध हुआ भारतीय सेना व् वायु सेना को लाजिस्टिक स्पोर्ट के लिए पायलट्स की आवश्यकता थी और एयर इंडिया के कमर्शियल पायलट्स को रसद व् हथियार एयर ड्राप करने हेतु बुलाया गया,सारे के सारे पायलट्स तुरन्त युद्ध क्षेत्र में सेवाएं देने को आ गये सिवाय एक के और वो राजीव गांधी थेजो डर के मारे सोनिया गांधी संग व् इटली के दूतावास में जा छिपे थे,अगले 8 वर्षों तक राजीव के भाई संजीव ने उन्हें भोग विलास के सभी साधन उपलब्ध करवाए और खुद राजनीती में सक्रिय रह अपनी पकड़ मजबूत करते रहे.. 1980 में संजीव का काम तमाम करवाये जाने के बाद राजीव राजनीती में आये... 


1984 में इंदिरा गांधी को उनके अंगरक्षकों ने दोपहर में गोली मार दी, राजीव गांधी ने भावनाओं से ऊपर उठकर शोक संताप में समय लगाने के बजाय उसी दिन शाम को भारत के प्रधानमंत्री की कुर्सी पर अपनी तशरीफ़ रख दी,और कांग्रेसियों को सिखों का नरसंहार करने का आदेश दे डाला, कांग्रेसियों ने स्कूलों के रजिस्टरों और वोटर लिस्ट निकाल निकाल कर सिखों के घर खोजे और घरों में घुसकर हजारों सिखों को काटा.. 😭

महिलाओं से बलात्कार किया.. 😭

कई गर्भवती महिलाओं को जीवित ही जला दिया,कांग्रेस नेताओं के पेट्रोल पंपों से तेल सप्पलाई किया गया सिखों को उनके बच्चो को उनकी सम्पत्तियों को फूंकने हेतु, सड़क चलते सिखों के गले में टायर डालकर जला दिया गया,यहाँ तक की राष्ट्रपति जैल सिंह को भी नहीं बख्शा गया और जब वो गाड़ी में थे तो उनपर भी कांग्रेसियों ने हमला किया,



गाड़ी के कांच तोड़ दिए गए,

दिल्ली में कांग्रेसियों का हिंसा का तांडव शुरू हुआ और शीघ्र ही ये देश के कोने कोने में फ़ैल गयाऔर राजीव गांधी ने देश भर में करीब 35000 निर्दोष सिखों को मौत के घाट उतरवाकर इंदिरा की मृत्यु का बदला लिया,और बाद में राजीव गांधी ने उसे “बड़ा पेड़ गिरता है तो धरती हिलती है” वाला ब्यान देकर उसे न्यायोचित ठहरा दिया,भोपाल गैस कांड हुआ हजारों निर्दोष लोगों के हत्यारे यूनियन कार्बाइड के मालिक वारेन एंडरसन को राजीव ने अमेरिकी सरकार से सौदेबाजी कर सुरक्षित अमरीका भेज दिया,क्योंकि राजीव की मां इंदिरा के बॉयफ्रेंड यूनुस खान का लड़का आदिल शहरयार जो अमेरिकी जेल में बंद था और उसे छुड़वाने हेतु राजीव ने 30,000 निर्दोष भारतियों के हत्यारे एंडरसन को अमरीका भगा दियाऔर आदिल शहरयार को छुड़वाकर भारत ले आया,वैसे कहा जाता है कि संजीव गांधी उर्फ़ संजय गांधी यूनुस खान की ही संतान था,

सच्चाई तो राम ही जाने...

1989 में बोफोर्स का घोटाला खुलाजिसमे पता चला की राजीव गांधी ने सोनिया के अत्यंत “करीबी मित्र” जिसे सोनिया अपने संग इटली से दहेज़ में लायी थी और जो सोनिया राजीव के घर में ही रहता थाउस ओटावियो कवात्रोची के द्वारा बोफोर्स सौदे में राजीव ने दलाली खायी थी,राजनितिक नौटँकियां करने में भी राजीव किसी से पीछे न थे,टीवी पर आने वाले रामायण सीरियल में राम का पात्र निभाने वाले अरुण गोविल को लेकर राजनितिक यात्राएं शुरू कीहिंदुओं को मुर्ख बनाकर उन्हें उनकी आस्था द्वारा विवश कर उनका वोट हथियाने हेतु,

1991 में Schweizer Illustrierte नामक स्विस मैगज़ीन ने काले धन वाले उन लोगों के नाम का खुलासा किया जिनका अवैध धन स्विट्ज़रलैंड के बैंकों में जमा थाऔर उसमें राजीव गांधी का भी नाम था...मैगज़ीन ने खुलासा किया कि राजीव गांधी के 2.5 बिलियन स्विस फ्रैंक स्विट्ज़रलैंड के बैंक के एक अकाउंट में जमा हैं1992 में टाइम्स ऑफ़ इंडिया और द हिन्दू ने खबरें छापीं की राजीव गांधी को सोवियत ख़ुफ़िया एजेंसी KGB से निरंतर धन मिलता था,और रूस ने इस खबर की पुष्टि भी की थी और सफाई में कहा था कि सोवियत विचारधारा के हितों की रक्षा हेतु ये पैसे दिए जाते रहे हैं,

1994 में येवगिनिया अल्बट्स और कैथरीन फिट्ज़पेट्रिक ने KGB प्रमुख विक्टोर चेब्रिकोव के हस्ताक्षर युक्त पत्र प्रस्तुत कर ये खुलासा किया कि राजीव के बाद राजीव के परिवार सोनिया और राहुल को KGB की ओर से धन उपलब्ध करवाया जाता रहा है और KGB गांधी परिवार से निरन्तर कॉन्टैक्ट में रहती है,अब यदि आप पूरा आकलन करें तो पाएंगे कि राजीव एक कम पढ़े लिखे औसत से कम समझदार वो व्यक्ति थे जिसने 35000 निर्दोष सिख मरवाये,भोपाल गैस कांड में  30000 निर्दोषों के हत्यारे को भगाया,मुस्लिमों महिलाओं का जीवन नर्क बनाया,रक्षा सौदों में दलाली खायी,KGB जैसी एजेंसी के वो खुद एजेंट थे और उससे पैसे लेते थे, कूटनीति की समझ नहीं थीऔर मूर्खतावश श्रीलंका में 1400 भारतीय सैनिकों की बलि चढ़वाई और देश का नाम कलंकित किया


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