विश्व हिन्दू परिषद पूरी शक्ति झोंक कर हिंदुओं को एक करती है
और विपक्षी दल एक ही बार मे वो सारी एकता तोड़ कर सबको बिखेर देते हैं
बिकाऊ हिन्दू बिक जाता है झूठे उसूलो पर
इसके ऊपर एक कनाडा के खालिस्तानी ने अच्छा उत्तर दिया है कि *साडे बन्दे बिकदे नी हैं, त्वाडे हिन्दू बिकाऊ होंदे हैं; इन्ना वास्ते उन्नी कीमतां लग्दी विच। त्वाडा मोदी साडा किना नी बिगाड़ सग्दा, साडे विच कोय सेकुलर नी होन्दा*
केजरीवाल ने मुफ्त पानी मुफ्त बिजली के नाम पे हिंदुओं को खरीद लिया।
पप्पू ने 8500 रुपये का लालच देके खरीद लिया,
अखिलेश ने आरक्षण का भय दिखा कर वोटो की डंपिंग करली मतदाताओ से कहा अगर भाजपा चार सौ पार कर जाती है तो संबिधान बदलदेगी, जिसका परिणाम हुआ अशिक्षित वर्ग अखिलेश के झांसे मे आ गया, सपा के लिए खेला कर गया जबकि पिछली बार मात्र पांच सीटों पर संतोष करना पड़ा
जब 370 और 35a हटी थी तो 25% कश्मीरी हिन्दू पंडित भाजपा का विरोध कर रहे थे
और पूरे देश के भीमटे विरोध कर रहे थे कि कश्मीरी हिन्दू दलितों को न्याय ना मिले
दक्षिण पूरब हर जगह यही हुआ
हिन्दू बिकता है अपना वोट बेचता है इसिलिए कोई राजनीतिक पार्टी हिन्दुओं को गम्भीरता से नही लेती
*मुल्ले क्रिस्चियन खालिस्तानी* अपना वोट बेचते नहीं हैं इसिलिए वो सिर चढ़ गए हैं
10 साल से अपना रक्त जलाकर और पसीना निचोड़ कर हिन्दुओं को एक जुट किया है मोदी जी ने और भाजपा ने
और पप्पू ने एक झटके मे सबको तोड़ दिया
देख लो
कोई एक भी मुल्ला पेंशन के लिए नहीं रो रहा था और ना ही अब कोई खुश हो रहा है। ना कोई क्रिस्चियन ना कोई खालिस्तानी
बस हिन्दू ही मूर्खों की तरह या तो खुश हो रहे हैं या अभी भी लालची हिन्दू सरकार को कोस रहे हैं
शुक्र मनाओ भाजपा है; यदि कांग्रेस होती तो रोटी पानी के लिये भी तरस गये होते
*अभी तो किसान संगठन, मजदूर संगठन, विद्यार्थी, रेल्वे वाले, औटो-टैक्सी वाले.......इत्यादि सब कतार से खड़े हैं । पता नहीं कितने धरने आंदोलन होने हैं अभी*
*पप्पू पूरी तैयारी के साथ देश को गृह युद्ध की आग में झोन्कना चाहता है*
*और इस खेल के असली सूत्र धार हैं अमेरिका और चीन*
ये दोनो देश पूरी दुनिया पे राज करने का सपना देख रहे हैं और इनके राह मे सबसे बड़ी बाधा हैं *हिन्दुस्तान रशिया इजराइल इत्यादि*
*मुल्लों क्रिस्चियन खालिस्तानीयों* को ना सस्ता पैट्रोल चाहिए ना मुफ्त बिजली-पानी चाहिए ना पेंशन चाहिए ना सरकारी नौकरी चाहिए ना घर चाहिए ना दवाई चाहिए
उनका ऊद्देश्य स्पष्ट है कि *बस एक दिन हमारी सरकार होगी हमारा राज होगा फिर हम संविधान भी बदलेंगे और देश को इस्लामिक बनाएँगे*
1947 से ही हिन्दुओं को तोड़ते आ रहे हैं विपक्षी पार्टियों के कुत्ते
*उत्तर-दक्षिण, आर्य-द्रविड़, सवर्ण-दलित, ओबीसी-sc-st, व्यापारी-श्रमिक, गोरा-काला, स्त्री-पुरुष, और अब जातिगत जनगणना*
8 सवर्णों को जमके गालियां दी जाती हैं हिन्दूस्तान में इन्ही विपक्षियों द्वारा
*बनिया ब्राह्मण कायस्त* और
पांचों क्षत्रिय समाज - *जाट राजपूत गुर्जर मराठा गोरखा*
और ये खेल *मीडिया, बौलीवुड, राजनीती, शिक्षण संस्थान इत्यादि* के माध्यम से किया जाता है
सबसे बदतर स्थिति ओबीसी की है क्यूंकि हम लोग जनरल/सवर्ण और sc-st के बीच सैंडविच के मसाले की तरह पिस जाते हैं
जातिगत जनगणना करवा कर पप्पू हिन्दूओं को आपस लड़वाएगा और फिर सब बारी बारी से सब कटेंगे इन विधर्मियों के हाथों जैसे पोर्किस्तान और बांग्लादेश में मर रहे हैं
हिन्दुओं की ये निर्बलता *आरक्षण और जातिवाद,* एक शस्त्र के रूप में उपयोग हो रही है और ये सबको पता चल चुकी है पूरे विश्व में। पोर्किस्तान मे अब हिंदुओं को *बनिया-ब्राह्मण* कहा जाता है
इस गंदे खेल की शुरुवात 2017 में हो गई थी
2013 मे मोदी जी pm घोषित हुए थे और तब से 2017 मे योगी जी और हेमंत जी के मुख्यमंत्री बनने तक हिन्दू एक थे और भाजपा सारे चुनाव जीतती चली गई
इस दौरान भाजपा फ़्रंट फुट पे खेल रही थी *तीन तलाक कानून लाके, "फतेह का फतवा" जैसे कार्यक्रम चलाके* मुल्लों को पूरी तरह तोड़ कर रख दिया था इनके घरों मे गृह युद्ध हो रहे थे
उसके बाद ओवैसी का वो जहरीला भाषण 2017 मे जिसमे उसने कहा था कि *बहुत मजा आ रहा है ना हमको आपस मे लड़वा के, अब आप देखीये ये मजा कहां तक जाता है*
उसी समय हिन्दुओं को आपस मे लड़ाने की योजना बननी शुरू हो गई थी
पर हिन्दू ठहरा जातिवादी चूतिया
और भाजपा को महानता का रोग लगा गया
सम्भल जाओ अभी भी समय है

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